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दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राज शेखर रेड्डी के गम में 142 लोगों ने प्राण त्यागे । (व्यंग्य/कार्टून)

Posted by K M Mishra on September 6, 2009

मित्रों कृपया मुझको एडवांस में माफ कर दें क्योंकि मैं मृत्यु जैसे संवेदनशील विषय पर व्यंग्य करने जा रहा हूं । जो मृत्यु का वरण कर चुके हैं यानी जो इस घटना से दुखी हो कर मौत को गले लगा चुके हैं उनकी आत्मा को तो निसंदेह इस लेख से कोई कष्ट नहीं पहुंचेगा क्योंकि जब अपने जीते जी उन लोगों ने मेरा लिखा नहीं पढा तो मरने के बाद क्या पढ़ेगें लेकिन जीवित लोगों की आत्माओं को मेरे लेखन से सदैव ही कष्ट पहुंचा है इसलिये अग्रिम माफीनामा पहले ही पैरे में समर्पित है ।

वाई एस राजशेखर रेड्डी की मौत से मुझे जितना दुख हो सकता था उतना हुआ और उनकी मृत्यु के शोक में मैंने “सुदर्शन” पर पिछले तीन दिन से कुछ नहीं लिखा । मेरे संवेदनशील होने का इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है । पिछले तीन दिन मैं काफी दुखी रहा और इस दुख में इलाहाबाद के बाहर घूम भी आया और 8 नई फिल्में भी निपटा दीं । उनमें से 6 फिल्में तो वाकई में पूर्णतः बकवास थीं जिनको देखने के पश्चात मेरे दुख में आशातीत वृद्धि हुयी, जिसे मैं, मेरी आंखें (जिनसे घनघोर अश्रुपात हुआ) और मेरा कलेजा ही जानता है । आखिर कब तक दुख मनाता । काम पर लौटना ही था । कर्म से कोई बच नहीं सकता । कर्म से तो भले ही पिंड छुड़ा लो पर अकर्म (ब्लागगीरी) से आप कैसे बच सकते हो । सो शोकदिवस के पश्चात पहला व्यंग्य लेख समर्पित है उन्हीं अतृप्त शोकाकुल आत्माओं को जिन्होंने अभी हाल ही में अपने-अपने पिंड से पिंड छुड़ाया है ।

आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राज शेखर रेड्डी की 3 सितंबर को एक हेलीकाप्टर दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गयी । एक तेलगु न्यूज चैनल के अनुसार उनकी मौत से अब तक 142 लोगों को इतना तीक्ष्ण (ज़हर वाला) सदमा लगा कि या तो उनकी हृदय गति रूक गयी या फिर उन्होंने अपनी खुशी से खुदकुशी कर ली ।

दक्षिण के लोग बहुत भावुक होते हैं । अगर आप कोई दक्षिण भारतीय फिल्म देखें तो पायेंगे कि वे भावुकताप्रधान फिल्में ही बनाते हैं । एक्शन फिल्मों में भी इतनी भावुकता कूट-कूट कर भरी होगी कि आपके भावावेश में रोंगटे खड़े हो जायेंगे । आप चाहें तो रजनीकांत और चिरंजीवी की फिल्मों को देख कर मेरे कथन को सत्यापित कर सकते हैं । एक्शन फिल्मों को छोड़िये दक्षिण की ”ए” ग्रेड फिल्में भी काफी मात्रा में भावुकता प्रधान होती हैं । ये बात मुझे एक सरकारी स्कूल के छात्र से मालूम पड़ी जो स्कूल की ड्रेस में मार्निंग शो देख कर अपनी गीली आंखें पोछता पिक्चर हाल से बाहर निकला था । दक्षिण की भावुक जनता की उदार भावना के ही कारण वहां के तमाम लोकप्रिय नेता दक्षिण की फिल्म इन्डस्ट्री के रिटायर्ड अभिनेता/अभिनेत्री होते हैं जैसे एन.टी.रामाराव. जय ललिता, रजनीकांत आदि ।

दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राज शेखर रेड्डी की दर्दनाक मृत्यु के शोक में 142 लोगों ने अपने प्राण त्याग दिये । पहले भी शायद दक्षिण भारत में किसी नेता या अभिनेता के स्वर्गवासी होने के गम में उनके प्रशंसकों ने देह त्याग किया हो लेकिन इतनी बड़ी तादाद में प्रशंसकों ने रेड्डी के दुख में यह संसार त्यागा कि अगर दो दिन बाद उनके मौत की खबर झूठी साबित हो जाती तो दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राज शेखर रेड्डी पर मास किलिंग का मुकद्दमा जरूर कायम हो जाता कि आपकी वजह से इतने सारे लोग मर गये, आपने अचानक बिना बताये, बिना पूर्व सूचना के मरने की कोशिश कैसे की ।

राज शेखर रेड्डी के साथ 142 आत्मायें भी स्वर्ग की ओर कूच कर गयीं । आज तक किसी उत्तर भारतीय नेता की मृत्यु पर सदमे के कारण उनके किसी प्रशंसक या कार्यकर्ता ने देह त्याग किया हो यह सुनने में नहीं आया । महात्मा गांधी, नेहरू, सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री की आत्मायें टापती रह गयीं कि दो-चार कार्यकर्ता या प्रशंसकों की आत्मायें भी साथ होती तो कम से कम स्वर्ग में अकेलापन न महसूस होता और कोई तो आगे पीछे घूमने वाला हो जाता । इन बेचारी आत्माओं को स्वर्ग में खुद ही अपना इंट्रोडक्शन देना पड़ता होगा । “माई सेल्फ मोहन दास कर्मचंद गांधी । आप प्यार से मुझे बापू भी बुला सकते हैं ।”

‘मिस्र’ में जब कोई राजा मरता था तो उसके मृत शरीर की ममी बना कर एक आलीशान ताबूत में उसको दफनाया जाता था । उस राजा के साथ ही उसके नौकर-चाकरों को, उसके प्रिय जानवरों को, अंगरक्षकों को और जरूरी सामान भी दफना दिया जाता था कि स्वर्ग में अगर राजा को जरूरत महसूस हुयी तो मदद के लिये जरूरी सामान और लोग मौजूद रहेंगे । दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राज शेखर रेड्डी को स्वर्ग में कम से कम एक अदद बेल हेलिकाप्टर साथ में एक पायलेट, 4 अंगरक्षक और 142 प्रशंसकों की भीड़ तो मिलेगी ही । इन सब की मदद से वो कम से कम स्वर्ग में चुनाव तो लड़ ही सकते हैं । चमत्कारी नेता की छवि है ही । क्या पता एक दिन खबर आये कि देवराज इंद्र चुनाव हार गये हैं और स्वर्ग के नये राजा वाई एस राज शेखर रेड्डी हो गये ।

=>अब ये उड़नखटोले नेताओं के लिये किसी आतंकवादी से कम नहीं हैं । 4-5 नेता अगर और हेलीकाप्टर पर शहीद हो गये तो देश इन उड़नखटोलों का ऋणी रहेगा और नेता भी आकाश छोड़ कर जमीन पर चलने लगेंगे या ये कहिये कि जमीन से जुड़ी राजनीति करने लगेंगे । काश ।

3 Responses to “दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राज शेखर रेड्डी के गम में 142 लोगों ने प्राण त्यागे । (व्यंग्य/कार्टून)”

  1. यह पढ़ लिया जाये: http://www.expressbuzz.com/edition/story.aspx?Title=Don%E2%80%99t+let+this+son+rise&artid=eboC6hzS8I8=&Title=Don%E2%80%99t+let+this+son+rise&SectionID=d16Fdk4iJhE=&MainSectionID=d16Fdk4iJhE=&SEO=Y+S+R+Reddy,+Y+S+Jagan+Mohan+Reddy,+B+Ramalinga+Ra&SectionName=aVlZZy44Xq0bJKAA84nwcg==

  2. गिरिजेश राव said

    जे बड़ा पॉलिटिकल मुआमला है। अपन कोई कमेंट नहीं करेगा। बस ‘मिस्स्र’ को ‘मिस्र’ कर दें 😉
    बाकी सब बौत बढ़िया है।
    मैं सोच रहा हूँ कि ऐसा हादसा कहीं अपनी ऊ पी वाली के साथ हो गया तो …???

  3. मैने नव
    भारत पर एक टिप्‍पणी की थी कि रेड्डी के मौत से सबसे अधिक खुशी विपक्ष को न होकर उस व्‍यक्ति को हुई होगी जो नया मुख्‍यमंत्री के रेस में होगा। मौत के बाद हस्‍ताक्षर अभियान से यह स्‍पष्‍ट भी हो गया।

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