आंख के बदले आंख, बीबी के बदले बीबी । (व्यंग्य/कार्टून)
Posted by K M Mishra on August 8, 2009
________________________
च.च.च. । बेचारा बहुत उम्दा तालिबानी था । हमारे कितने जुर्म इसने खुशी खुशी अपने सिर ले रखे थे । अब आई.एस.आई को कोई दूसरा मुर्गा ढूंढना पड़ेगा बलि का बकरा बनाने के लिये । आज जरदारी साहब खूब खुश हुये होंगे । आंख के बदले आंख के नियम के हिसाब से न सिर्फ बीबी के बदले में बीबी मारी गयी बल्कि सूद में बैतुल्ल्ला मेहसूद का भी काम तमाम हो गया । लेकिन बेनजीर की रूह को चैन अब भी नहीं मिलेगा क्यूंकि बैतुल्ला तो सिर्फ एक मोहरा भर था । =>
दो दिन पहले दक्षिणी वजीरिस्तान के एक गांव मकीन में हुये अमेरिकी ड्रोन से मिसाइल हमले में खुंखार तालिबानी आतंकवादी बैतुल्ल्ला मेहसूद अपनी बीबी और ससुर इकरामुद्दीन के साथ मारा गया ।
अनूप शुक्ल said
मारा गया ! अच्छा!
गिरिजेश राव said
बीवी के बदले बीवी ! जवाब नहीं आप के बोध का।
हम अपने को ‘बोधू’ पाते हैं आप के आगे।
वाह।
काजल कुमार said
फिर ख़बर आ गई है कि पाकिस्तानी हमेशा की तरह इस बार भी झूठ ही बोल रहे थे. बैतुल्लाह नहीं मरा. अलबत्ता उसकी बीबी का पता नहीं…हो सकता है आपकी “बीबी के बदले बीबी” वाली कहावत चरितार्थ हो गई हो…कौन जाने.
Gyan Dutt Pandey said
कितनी बीवियां थीं; कालिया?
K M Mishra said
सरदार, अखबार में तो दो लिखा था ।
ANUJ GARG said
plz Send ME its script … … … … … … … ..